Saturday 25 February 2017

| द्यूतं छलयतामस्मि तेजस्तेजस्विनामहम्‌ ।

| द्यूतं छलयतामस्मि तेजस्तेजस्विनामहम्‌ ।| भावार्थ : मैं छल करने वालों में जूआ और प्रभावशाली पुरुषों का प्रभाव हूँ । श्रीमद्‍भगवद्‍गीता >अथ दशमोऽध्याय:- विभूतियोग

उपर जो श्रीमद्भगवद्गीता जीका श्र्लोक लिखा है उसका मतलब यही है कि, " मै चोरोंमे द्यूत ( जुआ, speculation ) हू |" श्री भगवंत विभूतीयोग मे बताते है की," सबसे बडा चोर जुआ है | सबके सामने चोरी हो जाती है, लेकीन कोई चोर को पकड नही सकता |  
आप सोच रहे होंगे कि," आज ये आदमी शास्त्रीजी क्यों बन गया ?", मुझे रोज बहोतसे इमेल आते है | सारे के सारे इंट्राडे मे लॉस खाये हुए लोग ही होते है | मुझे आजतक ( from last 18 yrs ) एक भी ऐसा आदमी नही मिला, जिसने इस इंट्राडे ट्रेडिंग नामक जुए मे नियमित रूप से पैसा कमाया हो | फिरभी लोग ये गंदा काम करते रहते है | क्यों करते है ये उन्हिको मालूम होगा |
इससे तो अच्छा है कि, लॉटरी खेले | जैसे मिझोराम गुड मॉरनिंग, नागालँड गुडनाईट, सिक्कीम सरकार गुड आफ्टरनून |  लॉटरी मे एक बात अच्छी है | आपके जितने के चान्सेस ५०/५० % है | क्योंकी डिजीट १० होते है, ० से लेके ९ तक. अगर आप ५ अलग अलग नंबर कि  टीकीट निकालोगे तो आपका जितने का चान्स ५० % हो जाता है |
रही बात commodity ट्रेडिंग कि, तो इसमे ट्रेंड पकडना ही सबसे बडी कला है | जैसे कि NG उपर से नीचे कि तरफ जा रहा है, उसमे तेजी खतम हो गयी है , ये समज मे आना बहोत जरुरी है | एकबार आपने सही ट्रेंड को धुंड निकाला तो फिर आप किंग बनते हो | वो कमोडिटी आपको को profit मे ले जाती है | दिन गुजरते है, हफ्ते निकल जाते है, महिने निकल जाते है , आपका profit धीरे धीरे कम ज्यादा करते बढता रहता है |
अगर आपको ट्रेंड पकडना नही आता, तो ये पोझिशनल ट्रेडिंग आप नही कर सकते | गलत दिशा मे पोझिशन लेके अगर उसको चिपकके बैठे , stoploss नही युज किया तो आपका कॅपिटल खत्म हो जाता है |  
जरुरत नही है की, रोज ट्रेडिंग किया हि जाये | १५ दिन २० दिन कोई ट्रेड नही किया तो आपका का जाता है ? परफेक्ट ट्रेडिंग सेटअप मिले तभी ट्रेड करे | ट्रेडिंग जुआ नही है , ये एक व्यापार है |
इसिलीये मैने ब्लॉग के शुरवात मे हि, गिताजी का श्र्लोक डाल रखा है |
किसीको बुरा लगा हो तो बडे दिल से क्षमा किजीयेगा ," वैसे भी मै अभी परिपक्व नही हुआ हुं | सिर्फ ४१ उमर है मेरी , मुझे और थोडा समय चाहिये , धन्यवाद "

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